उदित नारायण झा हिंदी जगत के एक जाने माने गायक है जिन्होंने अपनी गायकी से पुरे भारत को झुमाया है। उदित नारायण को उनके गानों के लिए 4 राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड और 5 फिल्मफेयर अवार्ड जीते है। तो एक नज़र डालते है उदित नारायण के जीवन परिचय पर।
उदित नारायण जीवनी
पूरा नाम | उदित नारायण झा |
जनतिथि | 1 दिसंबर 1955 |
जन्मस्थान | सुपौल, बिहार |
पेशा | गायक |
प्रमुख सम्मान | गोरखा दक्षिण बाहु (2001) पद्म श्री (2009) पद्म भूषण (2016) |
शुरुआती जीवन और शिक्षा
उदित नारायण का जन्म 1 दिसंबर 1955 को बिहार के सुपौल जिले के बैसी गाँव में उनके नाना-नानी के घर पर हुआ था, उनके पिता हरेकृष्ण मूल रूप से नेपाल से थे और माता भुवनेश्वरी देवी एक लोक गायिका थी जो बिहार से थी।
उदित नारायण ने अपनी स्कूली शिक्षा जागेश्वर हाई स्कूल, कुन्नौली, सुपौल से किया, मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने अपना दाखिला रत्ना राज्य लक्ष्मी परिसर, काठमांडू, नेपाल में लिया।
निजी जीवन
उदित नारायण की शादी दो बार हुई है, पहले रंजना नारायण झा (1984) और फिर दीपा नारायण झा (1985) से। दीपा नारायण के साथ उनका एक बेटा आदित्य नारायण है, जो एक पार्श्व गायक हैं।
करियर
1990 से 2000 के दशक के दौरान उदित नारायण बॉलीवुड के सबसे प्रमुख प्रश्व गायकों में से एक थे, वे बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, देव आनंद, आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अक्षय कुमार और अजय देवगन को अपना आवाज़ दे चुके है।
उदित नारायण ने अपना करियर साल 1970 में रेडियो नेपाल के लिए एक मैथिली लोक गायक के रूप में शुरू किया था, धीरे धीरे उन्होंने आधुनिक नेपाली गाने गाने शुरू कर दिए। आठ साल के बाद उदित नारायण भारतीय विद्या भवन में शास्त्रीय संगीत का अध्ययन करने के लिए नेपाल में भारतीय दूतावास से नेपाली के लिए एक संगीत छात्रवृत्ति पर बॉम्बे चले गए।
साल 1980 में उदित नारायण का बॉलीवुड सफर शुरू हुआ जब उन्हें संगीत निर्देशक राजेश रोशन ने नोटिस किया, उदित नारायण को अपने पहले ही गाने में मोहम्मद रफ़ी के साथ गाने का अवसर मिला यह गाना फिल्म उनीस-बीस का था।
धीरे धीरे नारायण को फ़िल्मी गानों को गाने का मौका मिलने लगा और देखते ही देखते लता मंगेशकर, सुरेश वाडकर और किशोर कुमार के साथ गाने का मौका मिला।
साल 1988 में उनके करियर में सबसे बड़ा उछाल आया जब आनंद मिलन ने उन्हें क़यामत से क़यामत तक के सभी गानों को गवाया, इस बार उनके साथ युगल के रूप में अलका याग्निक थी। इस फिल्म के गीत “पापा कहते हैं” के लिए उन्हें पहली बार फिल्मफेयर अवार्ड मिला।
पुरस्कार और सम्मान
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
वर्ष | गीत | फिल्म | संगीत निर्देशक | गीतकार |
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1989 | “पापा कहते हैं” | क़यामत से क़यामत तक | आनंद-मिलिंद | मजरुह सुल्तानपुरी |
1996 | “मेहंदी लगा के रखना” | दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे | जतिन-ललित | आनंद बख्शी |
1997 | “परदेसी परदेसी” | राजा हिन्दुस्तानी | नदीम-श्रवण | समीर |
2000 | “चाँद छुपा बादल में” | हम दिल दे चुके सनम | इस्माइल दरबार | महबूब |
2002 | “मितवा” | लगान | ए॰ आर॰ रहमान | जावेद अख्तर |
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
वर्ष | गीत | फिल्म | संगीत निर्देशक | गीतकार |
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2001 | “मितवा” “जाने क्यों लोग” | लगान दिल चाहता है | ए॰ आर॰ रहमान शंकर-एहसान-लॉय | जावेद अख्तर |
2002 | “जिंदगी खूबसूरत है” | जिंदगी खूबसूरत है | आनन्द राज आनन्द | |
2004 | “ये तारा वो तारा” | स्वदेश | ए॰ आर॰ रहमान | जावेद अख्तर |
अन्य पुरस्कार और सम्मान
- 2001 में नेपाल के राजा बीरेंद्र बिक्रम शाह देव द्वारा प्रबल गोरखा दक्षिण बहू
- 2006 में सहारा अवध सम्मान
- 2006 में सम्राट विक्रमादित्य संगीत अलंकरण सम्मान
- 2009 में भारत सरकार का का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री
- 2010 में कलाश्री अवार्ड के तरफ से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2010 में पहला मोहम्मद रफ़ी पुरस्कार
- 2011 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र रत्न पुरस्कार
- 2011 में मलेशिया से इंटरनेशनल ब्रैंडलॉरी पर्सनैलिटी अवार्ड
- 2015 में भोजपुरी सिनेमा के लिए चित्रगुप्त सिनेयात्रा सम्मान
- 2015 में मध्य प्रदेश सरकार का राष्ट्रीय लता मंगेशकर पुरस्कार
- 2016 में सूर्यदत्त नेशनल अवार्ड्स के तरफ से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2016 में भारत सरकार का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण